परम पूज्य पं. श्री अनुराग नंदन जी महाराज

एक परिचय

परम श्रद्धेय पं० श्री अनुराग नंदन जी महाराज वैदिक आध्यात्मिक गरिमामयी व्यास परम्परा की विलक्षण वाग्धारा की उत्ताल उर्मि के रसमय वाहक परम पूज्य पं० श्री अनुराग नंदन जी महाराज का जन्म 10 अक्टूबर 1995 को बिठूर ब्राम्हावर्त गंगा जी के पास ग्राम लक्ष्मनपुर मिश्रान पो० उत्तरीपूरा कानपुर नगर उ० प्र० में हुआ। इनके पूज्य पिता श्री देवी शंकर मिश्र(व्याकरणाचार्य) एवं माता श्रीमती शशी मिश्रा है। पूज्य महाराज श्री छः वर्ष की उम्र से स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ भागवत शास्त्रो का अध्ययन करना प्रारम्भ कर दिया, और 9 वर्ष की आयु में महाराज श्री ने वैदिक आचार्य की भूमिका निभाई, और अपने गुरु व माता,पिता की पूर्ण क्रपा प्राप्त करके 18 वर्ष की आयु में प्रथम भागवत उत्तरीपूरा कानपुर नगर रामेश्वर मंदिर मे वहाँ के आयोजको के द्रारा करायी गयी। तब से महाराज श्री अपनी मधुर वाणी से भागवत कथा व राम कथा जन मानस को अमृत पान करा रहे हैं। पूज्य महाराज श्री का बचपन से स्वप्न था कि जन-जन तक भगवत् भक्ति का प्रचार व प्रसार करना है। महाराज श्री अपने सम्पूर्ण कार्य अपने राधा कृष्ण (ठाकुर जी) पर छोड़ देते हैं और प्रभु उनकी सम्पूर्ण कामनाएँ पूर्ण करते हैं और अपनी कृपा बनाये हुये हैं।

राधे-राधे –

कथाएँ

Latest event

सोशल मीडिया पर महाराज से संपर्क करें